Sunday, August 28, 2016

स्‍टेट ऑफ होमलैंड

रणबीर सिंह बिष्‍ट
सलमान मासाल्‍हा की मूल कविताओं के ये हिंन्‍दी अनुवाद 
विवियन ईडन के अंग्रेजी अनुवाद से किए हैं । ये कविताएं नया ज्ञानोदय और विपाशा में छपी हैं। 

रत्‍नज्‍योति [1]
फिलीस्‍तीनी गीत
झील
बहुत ऊपर चढ़ आई है
पेडो़ं की शाखों तक।
किसान
जोत रहा हे खेत
नंगे पांव। भोर
की बेला में उसे नहीं दीखता वसंत का आना।
रत्‍नज्‍योति
खिल खिल पड़ती है
लाल खपरैल की छतें।




[1] एक जगली फूल। हमारे यहां के पहाडो़ं में इसकी छाल का मसालों के साथ प्रयोग होता है।



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