संक्षिप्त परिचय
1921 में जन्मे पोलिश कवि, नाटककार और उपन्यासकार तदेउष रोज़ेविच बहुमुखी प्रतिभा के विश्व के सर्वाधिक महत्वपूर्ण साहित्यकारों में से एक हैं। रोज़ेविच कविता और नाटक के क्षेत्र में आवांगार्द के भी अग्रदूत माने जाते हैं। वे एक ऐसे नवपर्वतक हैं जिनकी जड़ें रोमैंटिक परंपरा में मजबूती से जमी हैं। वे एक ऐसा स्वतंत्रचेता कलाकार हैं जो आम राय के दवाब में नहीं आता और जो राजनीति से भी परे रहता रहा है। वे नितांत एकाकी हैं, कला के प्रति उनका दृढ़ विश्वास ऐसा है कि यह जैसे आंतरिक ध्यानावस्था है, भीतरी सतता है और नैतिक संवेदनशीलता है।
रोज़ेविच दूसरे महायुद्ध में पोलैंड की सेना में एक सैनिक थे। उनका भाई भी सैनिक था। वह 1944 में नाज़ी यंत्रणा शिविरों में गोस्टापो द्वारा मारा गया। रोज़ेविच बच गए। बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि इन यंत्रणाओं (ऑश्विच) के बाद क्या कविता संभव है? रोज़ेविच ने इसका अपनी तरह से उत्तर दिया है। उनके मुताबिक कविता नई तरह का प्रतिबंधित किस्म का पद्य है। साहित्यिक पोलिश में इसे गद्यात्मकता का चौथा तरीका कहा जाता है। यह इनकी एंक्ज़ाइटी (1947) और अ रेड ग्लोब (1948) में मिलता है। हमारा बड़ा भाई नाम के कहानी संग्रह से, जो 1950 के बाद कई जिल्दों में छपे, पता चलता है कि उन्होंने दूसरे महायुद्ध के नतीजों को कभी स्वीकार नहीं किया। ये संग्रह उसी बड़े भाई को समर्पित हैं जो यातना शिविर में मारा गया था। रोज़ेविच ने मानवीय क्रूरता के समकालीन उदाहरणों को उजागर किया है। रोज़ेविच कविता में नए नए रूपों की तलाश करते रहे हैं। इन दिनों वे काव्यात्मक आत्मकथा लेखन में लगे हैं इसमें विमर्श की संभावना रहेगी और अस्तित्व पर भाष्य करते समय कला और जीवन की हदें आपस में विलीन हो जाएंगी। यह सब होगा, हालांकि कवि का यकीनी तौर पर मानना है कि इस तरह का भाष्य नामुमकिन है और कविता अभिव्यक्ति से परे का इलाका है। रोज़ेविच एक बेचैन कर देने वाले कवि हैं जो परिभाषाओं से बचते हैं और काव्यात्मक फंदों को खारिज करते हैं। उन्हें रहस्यवादी लेखक जैसा कुछ कहा जा सकता है। वे आवांगार्द के क्लासिक हैं, उत्तर-आधुनिकता के अगुआ हैं और भीतरी अनुभव के अन्वेषक हैं। वे एक ऐसे कवि हैं जिनके लंबे जीवन ने रहस्य के द्वार खोल दिए हैं।
यह परिचय इंटरनेट पर अंग्रेजी में उपलब्ध लेख के आधार पर लिखा है. कवि के चित्र भी इंटरनेट से साभार लिए हैं. इस चित्र में रोजेविच गुंटर ग्रास के साथ हैं. कविताओं का भी अंग्रेजी से अनुवाद किया है. और ये कविताएं कुछ वर्ष पहले विपाशा में छपी थीं.
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