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एक आवाज
वे काट पीट डालते हैं वे यातना देते हैं एक दूसरे को
चुप्पियों से लफ्जों से
मानो कि एक और जीवन हो
जीने को
वे ऐसा करते हैं
मानो कि वे भूल गए हों
कि उनके शरीर
मर जाएंगे एक दिन
कि इंसान का अंतरमन
जरा से में टूट जाता है
एक दूसरे के लिए बेरहम
वे कमजोर हैं
पेड़ पौधों और जानवरों से
मारे जा सकते हैं एक शब्द से
एक मुस्कान से एक नजर से।
एक भावपूर्ण कविता का रूपांतरण पाठकों तक पहुंचाने के लिये आभार
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