Friday, June 25, 2010

बारिश का स्‍वागत


एक और कोशिश

गोवर्धन अंगुली पर धारा, पांचाली का चीर बढ़ा आता
मात पिता, गुरू, बंधु, सखा आशीष, ज्ञान, प्रेम मिल जाता
बुद्ध, मार्क्‍स, गांधी का साया सिर पर, जीवन राह दिखाता
क्‍यों सखी साजन, न सखी यह अति सुंदर तम-हर छाता

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