Thursday, June 23, 2022

मेघ : सौंदर्य चिंतन के आयाम

 


रमेश कुंतल मेघ के समग्र साहित्यिक कार्य पर एक अंक निकालने की योजना पर लंबे समय से विचार चल रहा था। इसमें मुंबई से प्रकाशित चिंतनदिशा पत्रिका मित्रमंडली की अहम भूमिका थी। अंतत: दिल्ली से बनास जन से यह अंक प्रकाशित हुआ। इसका संपादन प्रदीप सक्सेना ने किया। इसमें लगभग दो दर्जन लेखकों ने योगदान किया है। यहां पत्रिका की जानकारी और विषय सूची दी जा रही है। यदि आप पत्रिका पढ़ना चाहें तो बनास जन से संपर्क कर सकते हैं। 






2 comments:

  1. बहुत सराहानीय प्रयास! संग्रहणीय कृति. साधुवाद!

    कृपया दृश्यों के संमिश्रण और पृष्ठभूमि में मेरी आवाज में कविता पाठ के साथ निर्मित इस वीडियो को यूट्यूब चैनल के इस लिंक पर देखें और कमेँट बॉक्स में अपने विचारों को देकर मेरा मार्गदर्शन करें. हार्दिक आभार! ब्रजेन्द्र नाथ
    यू ट्यूब लिंक :
    https://youtu.be/RZxr7IbHOIU

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  2. धन्यवाद ब्रजेन्द्र जी। दिए गए लिंक पर वीडियो नहीं है।

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