अनूप सेठी
Sunday, October 2, 2016
सिरकटा लैटर बॉक्स
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सब्जी के बीच और सब्जी के बोझ से दबा यह लैटरबॉक्स मुंबई के एक उपनगर में भाजीवाले की शरण में है। भाजीवाला कहता है कि चिंता की कोई बा...
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Tuesday, September 13, 2016
भरम का सांप
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कल फिर हिन्दी दिवस है, हर साल की तरह। भाषा अपनी जगह, भाषा का खेल अपनी जगह चल रहा हैै। यूटीआई की नौकरी छोड़ने के बाद डायरी और हिन्दी...
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Saturday, September 10, 2016
लोकनाट्य : अभिनेयता और संभावनाएँ
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यह लेख मैंने शायद सन 1981 में लिखा था। मैं उन दिनों गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर में एम. फिल. में पढ़ रहा था। धर्मशाला कालेज के ...
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Sunday, September 4, 2016
विजेताओं का आतंक
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इतनी जोर का शोर होता था कि खुशी की भी डर के मारे चीख निकल जाती थी असल में वो खुशी का ही इजहार होता था जो शोर में बदल जाता था ...
Sunday, August 28, 2016
स्टेट औफ होमलैंड
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रणवीर सिंह बिष्ट सलमान मासाल्हा की मूल कविताओं के ये हिंन्दी अनुवाद विवियन ईडन के अंग्रेजी अनुवाद से किए हैं । ये कविताएं नया ज्ञा...
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स्टेट ऑफ होमलैंड
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रणबीर सिंह बिष्ट सलमान मासाल्हा की मूल कविताओं के ये हिंन्दी अनुवाद विवियन ईडन के अंग्रेजी अनुवाद से किए हैं । ये कविताएं नया ज्...
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Saturday, August 27, 2016
स्टेट ऑफ होमलैंड
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रणवीर सिंह बिष्ट तीतर की पूंछ मेरे होठों में है एक छोड़ा हुआ वतन अपने कंधों से झाड़ता गेहूं की बालियां जो चिपक गईं उसके सिर ...
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स्टेट ऑफ होमलैंड
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एल मुनुस्वामी आपने हिब्रू और अरबी कवि सलमान मासाल्हा की कविताएं यहां पहले भी पढ़ी हैं। अब पेश हैं कुछ और कविताएं। ये हिंन्द...
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Friday, August 5, 2016
पुरस्कृत कविता
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कल भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार शुभम् श्री की 'पाेएट्री मैनेजमेंट' कविता को देने की घोषणा हुई और जैसा अक्सर होता है, सोशल मीडि...
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Sunday, April 17, 2016
तर्पण
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छायांकन: अरुधती भृकुटियां तनी रहीं सोच की प्रत्यंचा पर सालों साल फसल कटे खेतों के खूंटों पर चलना होता था जब झुके कंधे तुम्हा...
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गेहूं
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छायांकन: अरुधती मुझे बोरी में मत भरो लोको बाजार में लुटेरों सटोरियों के हाथ बिकने से बचा लो खाए अघाए का कौर बनने को सरकारी गोदा...
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