अनूप सेठी
Saturday, July 9, 2011
तिब्बती कविता
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धर्मशाला, मेक्लोडगंज में दलाई लामा और तिब्बती रहते हैं. वहीं हैं कवि लासंग शेरिंग . एक दोस्त ने उनसे मुलाकात कराई, मैक्लोडगंज में ही, ज...
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गड़बड़
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लेबल ठीक करते करते न जाने क्या गड़बड़ हो गई कि दो पुरानी टिपपणियां सबसे ऊपर आकर चिपक गईं. इन्हें अपनी जगह वापस कैसे रखते हैं, यह समझ नहीं ...
सरदार
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रात दो बजे का वक्त है। पंजाब का एक खदबदाता हुआ शहर - लुधियाना। कहते हैं लुधियाना के लोग विदेश जा बसे हैं। यह ए...
बाबूजी, संभलना
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जमाना बदलता है तो उसकी चाल ढाल भी बदलती है। रंग ढंग भी बदलते हैं। क्या चाल ढाल और रंग ढंग से ही जमाने की पहचान होती है ? पूरे तौर पर न होत...
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Saturday, June 18, 2011
साहित्य के सामने नई चुनौतियां
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पिछले दिनों रेडियो चीन से एक बातचीत दो भागों में प्रसारित हुई. बातचीत साहित्य, सूचना क्रांति और पाठक पर केंद्रित थी. यह नीचे दिए लि...
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Friday, May 27, 2011
आधुनिक भारतीय कविता
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पिछले दिनों प्रसिद्ध मलयाली कवि के सच्चिदानंदन का आधुनिक भारतीय कविता पर एक व्याख्यान सुनने का मौका मिला. मैंने उस व्याख्यान के प...
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Sunday, May 8, 2011
टाइप राइटर
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इधर खबर है कि टाइपराइटर बनना बंद हो गया है. हालंकि होमिओपैथी दवा की दुकानों में आज भी दवा का लेवल पोर्टेबल टाइपराइटर पर टाइप कर के शीशी पर...
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Thursday, April 14, 2011
हिमाचल मित्र ग्रीष्म 2011
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आज हिमाचल मित्र का ग्रीष्म अंक आ गया.
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Wednesday, January 26, 2011
एक ही पहचान है
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यह कविता ओम अवस्थी की है. उनकी यह कविता आभार सहित प्रस्तुत कर रहा हूं. बी ए में धर्मशाला में और फिर एम फिल में अमृतसर में उनसे पढ़ने क...
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