अनूप सेठी
Tuesday, September 7, 2010
बांबी
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इन गर्मियों में ननिहाल जाना हुआ तो वहां बांबी दिख गई. फिर बांबी कविता की तरफ ध्यान गया. कविता ठेठ महानगर की है. बांबी तो एक बिंब है. देखिए...
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Monday, August 23, 2010
कितना मुक्त है मुक्त बाजार
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नॉम चॉमस्की का यह लेख जनपक्ष में किस्तों में लग रहा था. ब्लाग का स्वभाव हड़बड़ी का है. एक सूचना अभी पचती नहीं है कि दूसरी आ गिरती है. ...
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