tag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post3014148171811629509..comments2024-01-14T22:05:12.224+05:30Comments on अनूप सेठी: बचपन की कुछ यादें औरPrakash Badalhttp://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-54129880416386386142013-03-26T22:36:05.189+05:302013-03-26T22:36:05.189+05:30हाँ अब सफल हुआ ..मैं कहना चाहता था कि अनूप जी के ...हाँ अब सफल हुआ ..मैं कहना चाहता था कि अनूप जी के आग्रह ने जीवन के ५०वे साल में मुझसे मेरे बचपन के वे दिन सबके साथ साझा करवा दिए जो एक बोझ की तरह मन पैर चढ़े बैठे थे ...आपने जो टिप्पणियाँ की हैं उनसे बाकि की बातें जो याद् हैं उन्हें लिखने भी का सहस आया है ...जल्दी ही समय मिलने पर लिखूंगा ....अनूप जी मुझे सदा ही प्रेरित करते हैं ...इनका आभारी हं ........मोहन साहिल शाली बाजार ठियोग ..शिमला ..Pocket of informationhttps://www.blogger.com/profile/00589564885607928542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-65979477136301042182013-03-26T22:32:13.607+05:302013-03-26T22:32:13.607+05:30आखिर हो तो गया, इस रूप में ही सही. आखिर हो तो गया, इस रूप में ही सही. Anup sethihttps://www.blogger.com/profile/13784545311653629571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-34438402495883247212013-03-26T22:26:35.027+05:302013-03-26T22:26:35.027+05:30दो बार सबका आभर व्यक्त करने के लिए टाइप किया लेकिन...दो बार सबका आभर व्यक्त करने के लिए टाइप किया लेकिन ...हो नहीं रहा ..<br /><br />Pocket of informationhttps://www.blogger.com/profile/00589564885607928542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-44986994788371083552013-03-25T23:07:35.055+05:302013-03-25T23:07:35.055+05:30Heart touching Heart touching Naveenhttps://www.blogger.com/profile/18006859234641666377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-15384134485481600762013-03-25T23:04:51.557+05:302013-03-25T23:04:51.557+05:30Heart touching Heart touching Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-29239500091548285022013-03-14T20:48:10.572+05:302013-03-14T20:48:10.572+05:30बातें भूल जाती हैं, यादें याद आती हैं......बेहद मा...बातें भूल जाती हैं, यादें याद आती हैं......बेहद मार्मिक।Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-80644272264954658042013-03-14T14:47:06.580+05:302013-03-14T14:47:06.580+05:30दिल को छू जाने वाले सच्चे दृश्य एक के बाद एक..मलेश...दिल को छू जाने वाले सच्चे दृश्य एक के बाद एक..मलेशिये और खद्दर के कपड़े और माड़ू राम के बनाये चमड़े के जूतों को पढ़ कर मुझे भी बचपन की यादें ताज़ा हो उठीं. मैंने आपकी यादों के सफर को अक्षरस: जी लिया और आंखों के कोने डलडल भर आये...बहुत अच्छे.Tej Kumarhttps://www.blogger.com/profile/15550336536930330461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-11757759416374328592013-03-14T11:32:45.774+05:302013-03-14T11:32:45.774+05:30पहाड़ का यथार्थ लिख दिया -लगा ये सब हमारे बारे में...पहाड़ का यथार्थ लिख दिया -लगा ये सब हमारे बारे में लिखा जा रहा था- लेखक का जन्म हम से एक मास पहले हुआ लगता है-इसी लिए तत्कालीन पारिस्थितियों में अद्भुत सॅम्या अनुभव हुआ और संभवता साधारणीकरण भी-यथार्थमय अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद .Chet Ram kashyaphttps://www.blogger.com/profile/04943739199082463750noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-88513398404514553862013-03-13T20:45:23.883+05:302013-03-13T20:45:23.883+05:30मार्मिक !
तुम आधी रात को आधी रात ही लिखना दोस्त !...मार्मिक ! <br />तुम आधी रात को आधी रात ही लिखना दोस्त !! अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-88294326751740745102013-03-13T09:16:21.772+05:302013-03-13T09:16:21.772+05:30पढ़ते समय सब चलचित्र सा चलता हुआ लग रहा है...प्रती...पढ़ते समय सब चलचित्र सा चलता हुआ लग रहा है...प्रतीक्षा रहेगी..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com