tag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post1266084129401960193..comments2024-01-14T22:05:12.224+05:30Comments on अनूप सेठी: कविवरPrakash Badalhttp://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-6473096304350790692024-01-14T22:02:42.782+05:302024-01-14T22:02:42.782+05:30कुछ दिन पहले कवि पंकज चतुर्वेदी ने इस कविता को फेस...कुछ दिन पहले कवि पंकज चतुर्वेदी ने इस कविता को फेसबुक में अपनी वॉल पर लगाया। कविता आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। अनूप सेठीhttps://www.blogger.com/profile/17416929008071730889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-33096523899245454452009-10-09T08:31:37.072+05:302009-10-09T08:31:37.072+05:30पाश में फर्स्ट लुक टाइप की अपील बहुत है और मैं भी ...पाश में फर्स्ट लुक टाइप की अपील बहुत है और मैं भी दीवानगी के साथ उन्हें पढता रहा हूँ पर उनकी खूबी भी उफान है और दिक्कत भी. पाश या गोरख बहुत आदरणीय हैं पर इनकी कविताओं पर बात करना निषिद्ध नहीं होना चाहिए. मुझे भी पातर कहीं ज्यादा समर्थ कवी लगते हैं पाश सेEk ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-80484529664121578612009-09-13T13:49:55.189+05:302009-09-13T13:49:55.189+05:30महान कविता!
हो सकता है लोग मुझे कायर कहें,
लेकि...महान कविता! <br />हो सकता है लोग मुझे कायर कहें, <br />लेकिन पातर पाश से बड़े कवि हैं, रहेंगे. क्रांतिधर्मिता भी पातर की पाश से कहीं परिप्क्व है. <br />तमाम कवि इतना तो मानेंगे ही कि क्रांति का मतलब हिंसा नहीं है. <br />एक सच्चा इंसान आत्मघात करता है<br />दूसरा सच्चा इंसान ज़िन्दगी को चुनता है<br />कौन बड़ा क्रांतिकारी है?अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-60448784984590750702009-09-10T13:32:19.180+05:302009-09-10T13:32:19.180+05:30सुन्दरसुन्दररौशन जसवाल विक्षिप्तhttps://www.blogger.com/profile/02927646540761405419noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-55039962486467356022009-09-09T09:40:05.413+05:302009-09-09T09:40:05.413+05:30प्रिय मित्रो,
स्वागत और धन्यवाद.
यह कविता पंजाबी...प्रिय मित्रो,<br />स्वागत और धन्यवाद.<br />यह कविता पंजाबी के प्रसिद्घ कवि सुरजीत पातर की है. मैंने सिर्फ अनुवाद किया है. <br /><br />विजय भाई, पंजाबी कविता की अपनी सीमित जानकारी के मुताबिक कह सकता हूं कि एक तरफ पाश थे, दूसरी तरफ पातर. हम जानते ही हैं कि पाश की पक्षधरता क्रांतिकारिता के साथ थी. दूसरी तरफ पातर पाश के विपरीत नहीं हैं. प्रगतिशील हैं, पर शायद उनका बल हिंसा पर नहीं है. पाश ने पातर पर लिखा भी है. बहुत से कवि, कलाकार, बुद्धिजीवी और सामान्य लोग हैं, जो हिंसा की हिमायत नहीं करते. इन पंक्तियों को इस नजर से देखेंगे तो शायद बात स्पष्ट होगी.<br /><br />विवेक जी,<br />मेरे नाटक प्रकाशित नहीं हैं. इन दोनों की प्रतियां नटरंग प्रतिष्ठान में उपलब्ध हैं. आपको इन्हें पढ़ने की इच्छा हुई, यह जानकर खुशी हुई. आभारी हूं.Anup sethihttps://www.blogger.com/profile/13784545311653629571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-37556694517040163672009-09-08T22:24:45.835+05:302009-09-08T22:24:45.835+05:30एक झकझोर देने वाली और बड़ी..प्रासंगिक कविता..पढ़ कर ...एक झकझोर देने वाली और बड़ी..प्रासंगिक कविता..पढ़ कर ब्रेख़्त की याद आ गई..बधाईअपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-50226016753244905202009-09-08T21:31:55.107+05:302009-09-08T21:31:55.107+05:30वाह अनूप जी,
बहुत अर्से बाद एक बढ़िया कविता !वाह अनूप जी,<br /><br />बहुत अर्से बाद एक बढ़िया कविता !Prakash Badalhttps://www.blogger.com/profile/04530642353450506019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-3742873219775745732009-09-08T18:30:07.176+05:302009-09-08T18:30:07.176+05:30बहुत सुंदर कविता हैबहुत सुंदर कविता हैVipin Behari Goyalhttps://www.blogger.com/profile/08342317954084526608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-89461265603431045902009-09-08T18:03:31.206+05:302009-09-08T18:03:31.206+05:30अनूप जी, कविता पढ़कर इच्छा हुई, आपके नाटक पढ़ने की...अनूप जी, कविता पढ़कर इच्छा हुई, आपके नाटक पढ़ने की। कैसे, कहां मिल सकते हैं?<b>विवेक</b>https://www.blogger.com/profile/07114599563006543017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-49032291497898981952009-09-08T18:00:45.823+05:302009-09-08T18:00:45.823+05:30कविता को किसी भी सदर्भ से पकड नहीं पा रहा हूं|खास ...कविता को किसी भी सदर्भ से पकड नहीं पा रहा हूं|खास तौर पर ये पंक्तियां-<br /><b>मैं दूसरी पंक्ति लिखता हूं<br /><br />और डर जाता हूं गुरिल्ला बागियों से<br /><br />पंक्ति को काट देता हूं</b>विजय गौड़https://www.blogger.com/profile/01260101554265134489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7041590032214456719.post-8599781234852547992009-09-08T17:52:29.881+05:302009-09-08T17:52:29.881+05:30वाह !! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति !!
पीडा का सार्थ...वाह !! बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति !!<br /><br />पीडा का सार्थक vivechan....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.com