Saturday, July 19, 2014

स्टेट ऑफ होमलैंड


सलमान मासाल्‍हा की कविताएं
             के एस कुलकर्णी की चित्रकृति



पिंजरा

उसकी हथेली पर दूसरों ने खींची

पिंजरे की रेखाएं। जहां उन्‍होंने कैद कर दी

उसकी जीवन गाथा। और अरब का बेटा, मैं

मुझे नफरत है कैद में रखे पंछी से। हर बार

जब उसने दिया मुझे अपना हाथ। मैंने मिटा दी एक रेखा।

और आजाद कर दिए पंछी।

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