Wednesday, August 4, 2010

तुम कौन सा लोक में है रे

मेरी पिराबलम बोले तो मालूम क्या है? कागज बहोत खाया तो मतलब उसमें बी अखबार ई बहोत होता है। अखबार तो नाम ही है कि A to Z खबर ही खबर रहेंगा। उसकू अंदर में भी अच्छा खबर तो मिलता नहीं है। सब बुरा ही बुरा खबर रहता है। एक बार मालूम है, इस दुनिया का सारा अखबार को न एक आदमी मंगल ग्रह पर ले के गया। तो मालूम है मंगल वाले ने जभी पढ़ा न वो अखबार को, तो वो लोग डर गए सब के सब। बोले तो, खबर है सरकार की मक्‍कारी का जिसको ये लोग लिखते है लाचारी बम फटने का। विस्फोटक मिलने का। एक्सीडेंट का। जान से मार देने का। बहू को जला देने का। लड़की लोग का इज्जत लूटने का। वो क्‍या बोलता है आनर किलिंग का। चोरी चपाड़ी तो छोड़ ई दो। बाढ़ और सूखे का खबर तो होना ही होना। मतलब कुदरत का लाफा तो मंगल ग्रह पर भी लगता है। बोले तो भूकंप आता है, सुनामी आता है, बाढ़ आता है। पर आदमी का भेजा से निकला क्राइम। बाप रे बाप! मंगल वाले का हवा ई च निकल गया। वो बोला अरे बाप!! ये पृथ्वी लोक में आदमी रहते हैं कि राकशस रहते हैं। वो डर गया रे!! और पृथ्वी पर आ के घर बनाने का आइडिया ही उन लोग ने छोड़ दिया। बोले हम इदर ई ठीक है। लाल रंग के हैं तो क्या हुआ। यह हरा और नीला रंग का पृथ्वी तो बम का माफिक है रे बाप!!!

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