Friday, December 18, 2009

निर्माल्‍य कलश



यह चित्र मुंबई के वरली इलाके का है. समुद्र इस जगह से सटा हुआ है. थोड़ी थोड़ी दूर पर नेहरू सेंटर, स्‍पोर्ट्स स्‍टेडियम, रेस कोर्स है. गर्दन घुमाएंगे तो हाजी अली की दरगाह द‍िखेगी. ईंट की दीवार के उस तरफ सड़क है जो बहुत व्‍यस्‍त रहती है और ऐसी गाडि़यां ज्‍यादा होती हैं जो अमूमन एक गाड़ी में एक जन को ढोती हैं. चित्र के बारे में कहने की हिम्‍मत नहीं है. यह तो खुद ही हमारी कहानी बयान कर रहा है.

2 comments:

  1. वाह,
    हमारी कहानी
    कितनी सुहानी!
    घुघूती बासूती

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  2. महा नगर् के कचरे में भी व्यवस्था सी दिखती है. यही कचरा अपने केलंग में कितनी हीन भावना जगाती है! दूर और पास का फर्क़ है क्या? yaa ki koee gair zarooree aakarshan?

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